भारत जोड़ो न्याय यात्रा | जानिए किन 15 राज्यों से गुजरेगी | राहुल गांधी 67 दिनों में 6200 किमी का सफर तय करेंगे | Rahul Gandhi Will Starts This Yatra Today | This journey is to get justice for India : said Congress Officials |
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भारत जोड़ो न्याय यात्रा
राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद ‘भारत न्याय यात्रा’ लॉन्च कर रहे हैं। इसकी शुरुआत 14 जनवरी 2024 यानी आज मणिपुर से होगी। इस यात्रा में राहुल गांधी 67 दिनों में 6200 किमी का सफर तय करेंगे। भारत न्याय यात्रा जिन 15 राज्यों से गुजरेगी, लेकिन अरुणाचल प्रदेश का सिर्फ कुछ हिस्सा कवर होगा। ऐसे में मुख्य रूप से जिन 14 राज्यों को भेदते हुए न्याय यात्रा निकलेगी, वहां लोकसभा की कुल 355 सीटें हैं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। भारत न्याय यात्रा का मकसद आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय है। वेणुगोपाल बताते हैं कि इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी युवाओं, महिलाओं और आम लोगों से मुलाकात करेंगे। यात्रा के दौरान ज्यादातर सफर वो बस से करेंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सके। यात्रा के कुछ छोटे हिस्से को रुक-रुक कर पैदल भी कवर किया जाएगा।
2024 के चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा फैसला किया है | कांग्रेस ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब दूसरी यात्रा निकालने की घोषणा की है | कांग्रेस ने इस यात्रा का नाम ‘भारत न्याय यात्रा’ रखा है, जोकि 14 जनवरी से शुरू होगी | मणिपुर से मुंबई तक होने वाली इस यात्रा में कांग्रेस 6,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगी | भारत न्याय यात्रा की शुरुआत 14 जनवरी से होगी, जोकि 20 मार्च तक चलेगी | कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की इस यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे | कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 14 जनवरी से भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा मणिपुर से शुरू होकर 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी। लोकसभा चुनाव से करीब 4 महीने पहले होने वाली यह यात्रा 14 राज्य और 85 जिलों को कवर करेगी। इस दौरान राहुल पैदल और बस से 6 हजार 200 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करेंगे।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश ने 27 दिसंबर को पार्टी हेडक्वार्टर में मीडिया को भारत न्याय यात्रा की जानकारी दी थी। पार्टी नेताओं ने बताया कि कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के बाद भारत न्याय यात्रा करेगी। ह मणिपुर से शुरू होकर नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से होते हुए महाराष्ट्र में समाप्त होगी। वेणुगोपाल ने कहा था कि पार्टी अध्यक्ष खड़गे इस यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। भारत जोड़ो न्याय यात्रा का मकसद आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय है। इस यात्रा में राहुल युवाओं, महिलाओं और हाशिए पर पड़े लोगों से मुलाकात करेंगे। बस यात्रा से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जाएगा। यात्रा में कुछ छोटे हिस्से को रुक-रुककर पैदल भी कवर किया जाएगा।
कांग्रेस ने पहले इसे ‘भारत न्याय यात्रा’ दिया था जो कि अब नाम बदलकर ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ रखा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पार्टी के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि जातीय हिंसा से प्रभावित लोगों के ‘घावों पर मरहम लगाने’ के मकसद से यात्रा शुरू करने के लिए मणिपुर को चुना गया है।
वेणुगोपाल ने कहा कि राहुल गांधी 15 जनवरी की शाम को नागालैंड पहुंचेंगे और अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत राज्य के कम से कम चार जिलों से होकर गुजरेंगे। उनका कहना था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष 14 जनवरी को मणिपुर में यात्रा शुरू होने के एक दिन बाद नागालैंड पहुंचेंगे और 18 जनवरी को असम जाएंगे।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ बसों और पैदल 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली है। यह 66 दिनों में 110 जिलों, 100 लोकसभा सीटों और 337 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगा।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा मणिपुर से ही शुरू क्यों ?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पहले दक्षिण से शुरू हो कर उत्तर में समाप्त हुई थी। इसलिए भारत जोड़ो यात्रा 2.0 यानी कि भारत न्याय यात्रा को पूर्व से पश्चिम करने का फैसला हुआ। दूसरी यात्रा के लिए राहुल गांधी के पास दो विकल्प थे। पहला यह कि यह यात्रा अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुंड से शुरू हो, जो रुद्राक्ष के पेड़ों से घिरा हुआ है। जिससे आसानी से राहुल की शिवभक्ति से कनेक्ट किया जा सकता था। दूसरा इसे कांग्रेस की भी धार्मिक आस्था से इसे जोड़ा जा सकता था। लेकिन राहुल गांधी ने मणिपुर से इस यात्रा को शुरू करने का फैसला किया। क्योंकि मणिपुर दंगों के बाद से दिल दहलाने वाली खबरें और वीडियो सामने आते रहे हैं। राहुल गांधी इसके जरिए मोदी सरकार के साथ उनके डबल इंजन की सरकार के दावे पर जोरदार सियासी हमला कर सकें, इसलिए मणिपुर को चुना गया है। दूसरी तरफ इस यात्रा को 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के दिन शुरू करके हिंदू भावनाओं का भी ख्याल रखा गया है।
यात्रा का नाम न्याय यात्रा क्यों ?
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अब आम लोगों के बीच काफी प्रचलित हो चुकी है। इसलिए 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते न्याय यात्रा का नाम दिया गया है। यह नाम इसलिए दिया गया है कि ताकि इस यात्रा को जनता की उम्मीदों को न्याय दिलाने के लिहाज से जोड़ा जा सके।
भले ही पार्टी इसे राजनीतिक यात्रा कहने से बच रही हो, लेकिन न्याय यात्रा नाम रखकर वह जनता के बीच सियासी संदेश लेकर ही जा रही है। सूत्रों की मानें तो 2019 के चुनावों में पार्टी की न्यूनतम आय योजना ‘न्याय’ नाम देने वाली प्रियंका गांधी ने ही इस यात्रा को न्याय यात्रा का नाम देने में अहम भूमिका निभाई है। भारत जोड़ो यात्रा एक में प्रियंका गांधी बहुम कम नजर आईं। लेकिन इस बार न्याय यात्रा में वे ज्यादा सक्रिय नजर आएंगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनावों की तैयारियों के चलते राहुल को अचानक किसी चुनावी कार्यक्रम या बैठक में यात्रा के बीच से जाना पड़ा, तो प्रियंका इस यात्रा में मौजूद रहेंगी।