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भारत-मालदीव सम्बन्ध | जानिए 9 मुख्य बातें भारत मालदीव संबंधों के बारे में | भारतीय हस्तियों ने भारतीयों को मालदीव के बजाय घरेलू पर्यटन स्थलों की खोज पर विचार करने के लिये प्रेरित किया। | Indian celebrities inspired Indians to consider exploring domestic tourist destinations instead of Maldives.

भारत-मालदीव सम्बन्ध

भारत-मालदीव सम्बन्ध

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के साथ एक विवाद उत्पन्न हुआ है जिससे भारत और मालदीव के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में और गतिरोध आ गया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब मालदीव के युवा कार्य मंत्रालय के तीन उप-मंत्रियों ने भारतीय प्रधानमंत्री की लक्षद्वीप यात्रा के प्रसंग में मालदीव के पर्यटन को ख़तरे की आशंका को देखते हुए भारत और भारतीय प्रधानमंत्री पर नकारात्मक टिप्पणियाँ की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाली मालदीव की महिला मंत्री मरियम शिउना को कैबिनेट से सस्पेंड कर दिया गया है। शिउना के अलावा दो और डिप्टी मिनिस्टर्स माल्शा शरीफ और अब्दुल्ला महजूम माजिद को भी सस्पेंड किया गया है।

भारत-मालदीव सम्बन्ध

उप-मंत्रियों द्वारा की गई टिप्पणियों पर भारत में प्रतिक्रिया हुई जहाँ कई भारतीय हस्तियों ने भारतीयों को मालदीव के बजाय घरेलू पर्यटन स्थलों की खोज पर विचार करने के लिये प्रेरित किया। इस घटना ने भूभाग में ‘अतिराष्ट्रवाद’ के खतरों और दो दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के बीच व्यापक सहयोग में व्याप्त हितों के नुकसान की आशंका को रेखांकित किया है।

भारत-मालदीव सम्बन्ध

भारत-मालदीव संबंध क्यों महत्त्वपूर्ण है?

1. भारत की ‘नेवरहुड फर्स्ट’ नीति का केंद्र बिंदु: मालदीव की भारत के पश्चिमी तट से निकटता और हिंद महासागर से गुज़रते वाणिज्यिक समुद्री मार्गों के केंद्र पर इसकी अवस्थिति इसे भारत के लिये रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण बनाती है।
2. यह भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के तहत भारत सरकार की प्राथमिकताओं का केंद्र बिंदु है।
3. मालदीव में खसरे के प्रकोप को रोकने के लिये जनवरी 2020 में भारत द्वारा टीके की 30000 खुराकों का त्वरित प्रेषण और कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की तीव्र एवं व्यापक सहायता ने भी भारत की ‘प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता’ होने की साख को और मज़बूत किया।
4. भारत वर्ष 2004 में मालदीव में सुनामी और दिसंबर 2014 में माले में जल संकट के दौरान भी मालदीव की सहायता करने वाला पहला देश रहा था।
5. रक्षा साझेदारी को सुदृढ़ करने के लिये अप्रैल 2016 में भारत-मालदीव के बीच रक्षा के लिये एक व्यापक कार्ययोजना पर हस्ताक्षर किये गए।
6. भारत-मालदीव में पर्यटकों के सबसे बड़े स्रोतों में से एक है, जो अपनी अर्थव्यवस्था के संचालन के लिये पर्यटन पर बहुत अधिक निर्भर है।
7. वर्ष 2023 में मालदीव में सर्वाधिक पर्यटक भेजने वाले देशों में भारत शीर्ष पर रहा जिसकी बाज़ार हिस्सेदारी लगभग 11.8% थी।
8. भारत वर्ष 2022 में मालदीव के दूसरे सबसे बड़े व्यापार भागीदार के रूप में उभरा। दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2021 में पहली बार 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आँकड़ा पार कर गया।
9. मालदीव से भारतीय आयात में मुख्य रूप से स्क्रैप धातु शामिल हैं, जबकि मालदीव में भारतीय निर्यात में विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग और औद्योगिक उत्पाद, जैसे दवा एवं औषध, सीमेंट और कृषि उत्पाद शामिल हैं।

भारत-मालदीव

मालदीव की अवस्थिति:-

1. मालदीव, हिंद महासागर में स्थित एक टोल गेट: इस द्वीप शृंखला के दक्षिणी और उत्तरी हिस्सों में संचार के दो महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्ग (SLOCs) स्थित हैं।
2. ये SLOCs पश्चिम एशिया में अदन की खाड़ी तथा होर्मुज़ की खाड़ी एवं दक्षिण-पूर्व एशिया में मलक्का जलसंधि के बीच समुद्री व्यापार के लिये प्रमुख हैं।
3. इसकी भौतिक अवस्थिति में मुख्य रूप से प्रवाल भित्ति और एटोल शामिल हैं तथा अधिकांश क्षेत्र विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zones- EEZs) के अंतर्गत आते हैं।
4. मालदीव मुख्य रूप से निचले द्वीपों का एक द्वीपसमूह है, जो बढ़ते समुद्री जलस्तर के कारण खतरे में पड़ गया है।  
5. आठ डिग्री चैनल भारतीय मिनिकॉय (लक्षद्वीप द्वीप समूह का हिस्सा) को मालदीव से अलग करता है।


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मालदीव में भारत द्वारा किये गये विभिन्न ऑपरेशन:-

1. ऑपरेशन कैक्टस 1988: ऑपरेशन कैक्टस के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने तख्तापलट की कोशिश को नाकाम करने में मालदीव सरकार की मदद की है।
2. ऑपरेशन नीर 2014: ऑपरेशन नीर (Operation Neer) के तहत भारत ने पेयजल संकट से निपटने के लिये मालदीव को पेयजल की आपूर्ति की।  
3. ऑपरेशन संजीवनी: भारत ने मालदीव को ऑपरेशन संजीवनी के तहत COVID-19 से निपटने के लिये सहायता के रूप में 6.2 टन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की।


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