मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी
मिलिंद देवड़ा
राहुल गांधी की न्याय यात्रा से पहले रविवार 14 जनवरी को महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता मिलिंद देवड़ा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मिलिंद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे दिवंगत मुरली देवड़ा के बेटे हैं। मिलिंद ने इस्तीफे की जानकारी सोशल मीडिया पर दी। वे शिवसेना शिंदे गुट में शामिल होंगे। देवड़ा के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। मिलिंद के परिवार का कांग्रेस से 50 साल से भी ज्यादा का रिश्ता रहा है जो आज खत्म हो गया। मिलिंद देवड़ा के पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि इस्तीफे की टाइमिंग पीएम मोदी ने तय की है। उनके पिता मुरली देवड़ा कांग्रेस के बड़े नेता थे। उनकी दोस्ती सभी पार्टियों से थी, लेकिन वे कांग्रेस के अटल और दृढ़ नेता थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा आज मेरे राजनीतिक सफ़र का एक महत्वपूर्ण अध्याय खत्म हुआ | मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है | शनिवार को जब मिलिंद देवड़ा के पार्टी छोड़ने के खबर मीडिया में आई तो उन्होंने कहा की वे ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं |
मिलिंद देवड़ा की कांग्रेस छोड़ने की वजहें
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मिलिंद देवड़ा महाराष्ट्र कांग्रेस के सीनियर लीडर रहे मुरली देवड़ा के बेटे हैं। मुरली देवड़ा केंद्र सरकार में मंत्री रहे थे। मुंबई दक्षिण सीट से हमेशा से ही कांग्रेस जीतती आई है और देवड़ा परिवार कई साल से इस संसदीय क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। लेकिन इस सीट से सांसद उद्धव गुट के नेता अरविंद सावंत हैं। सावंत इस सीट से दो बार चुने जा चुके हैं।
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लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा हो रही है। इस गठबंधन में उद्धव गुट की पार्टी शिवसेना भी शामिल है | उनके नेता अरविंद सावंत दो बार इस सीट को जीत चुके हैं। ऐसे में उद्धव कांग्रेस को ये सीट नहीं देना चाह रहे थे। रणनीतिकारों का मानना है कि गठबंधन की वजह से मिलिंद देवड़ा को कांग्रेस से टिकट नहीं मिलेगा।
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शुक्रवार 12 जनवरी को गरवारे क्लब और मुंबई कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठकें हुईं थीं। देवड़ा ने इन दोनों मीटिंग में नहीं गए थे। पार्टी के कई नेताओं ने उनसे संपर्क कर बैठक में शामिल होने को कहा, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। तब से ही अटकलें थीं कि वे कांग्रेस छोड़ सकते हैं।