रामलला विराजे अयोध्या में
अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई है। श्रीराम विग्रह के प्रथम दर्शन भी हो गए। PM मोदी ने आरती के साथ पूजा पूरी की, उनके साथ गर्भगृह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉ. मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। सुबह मंत्रोच्चार के साथ रामलला को जगाया गया। इसके बाद वैदिक मंत्रों के साथ मंगलाचरण हुआ। 10 बजे से शंख समेत 50 से ज्यादा वाद्य यंत्रों की मंगल ध्वनि के साथ प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू हुआ। दोपहर 12.29 बजे प्राण-प्रतिष्ठा की मुख्य विधि शुरू हुई। 84 सेकेंड में ही मूर्ति में प्राण स्थापना हो गई।
मंत्रोच्चार के साथ श्री रामलला के चरणों में जल छोड़ा, फिर अक्षत और पुष्प चढ़ाए। नैवेद्य लगाकर आरती के साथ पूजा पूरी की। इसके बाद रामलला को साष्टांग प्रणाम किया और संतों का आशीर्वाद लिया। मंदिर के उत्तरी द्वार से PM मोदी मंदिर परिसर में पहुंचे। हाथ में चांदी का छत्र और रामलला के वस्त्र लेकर सीधे मंदिर के अंदर गए। यहां संघ प्रमुख मोहन भाववत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूजा में शामिल हुए।
राम मंदिर के मुख्य अर्चक पं. मोहित पांडे ने सबसे पहले शुद्धिकरण कराया। हाथ में जल लेकर पूजा और प्राण-प्रतिष्ठा का संकल्प कराया। इसके बाद प्राण-प्रतिष्ठा की मुख्य विधि शुरू हुई। रामलला की आंखों से पट्टी हटाई गई। PM मोदी ने प्रतिमा का पूजन किया।
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प्रतिमा के चरणों में कमल के फूल अर्पित किए। कमल के फूल से PM मोदी ने प्रतिमा के जल छिड़क कर प्राण-प्रतिष्ठा की मुख्य विधि को पूरा किया। रामलला के विग्रह पर अलग-अलग पूजन सामग्रियां चढ़ाई। रामलला की आरती की गई। PM मोदी सहित सभी अतिथियों ने रामलला की दीपों से आरती की। आरती के दौरान PM मोदी ने चंवर डुलाकर रामलला की सेवा भी की।
अयोध्या में श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सोमवार को पूरा हो गया। मोदी बतौर मुख्य यजमान हल्के पीले रंग की धोती और कुर्ता पहनकर 12 बजे मंदिर परिसर में पहुंचे। उनके हाथ में एक थाल थी, जिसमें श्रीरामलला का चांदी का छत्र था
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संकल्प के साथ प्राण प्रतिष्ठा की विधि 12 बजकर 5 मिनट पर शुरू हुई, जो 1 घंटे से ज्यादा समय तक चली। प्रधानमंत्री ने भगवान की आरती कर चंवर डुलाया। मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास से कलावा बंधवाया और उनके पैर छुए। इसके बाद उन्होंने श्रीरामलला की परिक्रमा की और साष्टांग प्रणाम किया।
उन्होंने राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के भी पैर छुए। संतों ने उन्हें सोने की अंगूठी भेंट की। मोदी ने मंदिर के गर्भगृह से बाहर आकर अपना 11 दिन का व्रत भी तोड़ा। लोगों को 35 मिनट संबोधित किया। भाषण राम-राम से शुरू होकर जय सियाराम पर खत्म हुआ। राम के नाम का जिक्र 114 बार किया। उन्होंने कहा- कुछ लोग कहते थे, मंदिर बना तो आग लग जाएगी।
राम मंदिर किसी आग को नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है। ये भारत के उत्कर्ष-उदय का साक्षी बनेगा। मोदी बोले- रामलला अब टेंट में नहीं, दिव्य मंदिर में रहेंगे। राम मंदिर के निर्माण के बाद से देशवासियों में नया उत्साह पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों की धरोहर मिली है, श्रीराम का मंदिर मिला है। 22 जनवरी, 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है। ये कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं, बल्कि ये एक नए कालचक्र का उद्गम है। लोग इसे हजारों साल याद करेंगे।
PM ने कहा- आज गांव-गांव में एक साथ कीर्तन, संकीर्तन हो रहे हैं। आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है। PM ने कहा- अपने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरणस्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु राम के चरण पड़े थे। मेरा सौभाग्य है कि इसी पुनीत पवित्र भाव के साथ मुझे सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला।
प्रधानमंत्री ने कहा- कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। राम मंदिर किसी आग को नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है। राम आग नहीं, ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं, सबके हैं। राम वर्तमान नहीं, अनंत काल हैं। ये मंदिर महज देव मंदिर नहीं, भारत की दृष्टि-दर्शन का मंदिर है।
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