स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 | चौंक जाएंगे जानकर इस शहर ने किया पहला स्थान हासिल | Eye-opening Result of Swachh Survekshan 2023 | See Which City Wins the 1st Position |
mohitsharma4255
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 परिणाम
केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 का रिजल्ट जारी किया। एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में सातवीं बार इंदौर पहले स्थान पर रहा।सूरत को भी इंदौर के साथ संयुक्त रूप से पहला स्थान मिला। महाराष्ट्र का नवी मुंबई तीसरे, आंध्र प्रदेश का विशाखापट्टनम चौथे और मध्य प्रदेश का भोपाल पांचवें नंबर पर रहा। देश के स्वच्छ राज्यों की कैटेगरी में इस बार महाराष्ट्र को पहला, मध्य प्रदेश को दूसरा और छत्तीसगढ़ को तीसरा स्थान मिला। पिछली बार मध्य प्रदेश पहले स्थान पर था।
गंगा किनारे बसे सबसे साफ शहरों में वाराणसी पहले और प्रयागराज दूसरे स्थान पर रहा। इसके अलावा मध्य प्रदेश के महू को सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड का अवॉर्ड मिला है। बेस्ट सफाई मित्र सुरक्षित शहर का अवॉर्ड चंडीगढ़ को दिया गया। दिल्ली के भारतमंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने इन राज्यों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की थीम वेस्ट टू वेल्थ थी।
4477 शहरों में 9500 अंकों में सबसे ज्यादा अंक इंदौर और सूरत को मिले। सुबह 11 बजे आयोजित समारोह में राष्ट्रपति दोपद्री मुर्मू ने इस मौके पर कहा कि वेस्ट यू वेल्थ आज की जरूरत है। स्वच्छता अभियान को जन आंदोलन बनाने में सभी का योगदान है। स्वच्छता के महत्व पर गांधी जी के विचार और कार्य हमारी विरासत है। स्वच्छत भारत मिशन के दूसरे चरण पर अधिक से अधिक वस्तुअेां को रिसायकल और रीयूज करने पर जोर दिया जा रहा है।
भारत का स्वच्छता सर्वेक्षण दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण है। शहरों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए 2016 में इसकी शुरुआत की गई थी। स्वच्छता सर्वेक्षण में साफ और गंदगी मुक्त शहरों को रैंकिंग तय करने के लिए कई पैरामीटर इस्तेमाल किए जाते हैं। इसमें घर-घर कूड़ा इकठ्ठा करने से लेकर प्लास्टिक वाले कचरे का मैनेजमेंट तक शामिल है। इस बार ‘मैनहोल’ को ‘मशीन होल ‘ में बदलने पर जोर देते हुए सफाईमित्र सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई थी। इसके लिए दोगुने अंक बढ़ाए गए थे। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाने की मांग की थी और खुले में शौच जाने को खत्म करने का बिड़ा उठाया था।
उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी को स्वच्छ भारत से बेहतर तोहफा कैसे होगा। यह मिशन एक आंदोलन बन गया। इसमें सभी ने श्रमदान किया। यह अब अभिन्न अंग बन गया है। सख्त प्रक्रिया है। 2016 में यह सर्वेक्षण शुरू हुआ जो अब सबसे बड़ा सर्वेक्षण बन गया है। लगभग सभी शहरों और गांवों में बड़ी संख्या में सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं। 2014 में 14 से 15 प्रतिशत कचरे की प्रोसेसिंग होती थी, लेकिन अब 75 से 76 प्रतिशत तक कचरा प्रोसेस होता है। स्वच्छता केवल आदत नहीं है, यह एक आंदोलन। एक अगली पीढ़ी भी इस आंदोलन में भाग ले रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण2023 की थीम वेस्ट टू वेल्थ थी।
4477 शहरों में 9500 अंकों में सबसे ज्यादा अंक इंदौर और सूरत को मिले। वर्ष 2024 में भी यही थीम रहेगी। जीरो वेस्ट के प्रयासों को जी-20 के सभी देशों ने सहमति दी है। हमारे देश के एक तिहाई देशवासी शहरों में रहते है। कई शहरों में कुड़े के पहाड़ है। वे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। उन पहाड़ों को कई शहर समाप्त किया जा रहा है। हमें जीरो डंप साइट का लक्ष्य हासिल करना होगा। सफाई के लिए जनता की भागीदारी सबसे जरुरी है। हमारे युवा सबसे महत्वपूर्ण स्टेग होल्डर है। वे ठान ले तो भारत आने वाले वर्षों में विश्व के सबसे साफ देश को बनाने का लक्ष्य पूरा कर सकते है।
केंद्रीय शहरी व आवास मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि आज भारत में सभी नगरीय निकाय खुले में शौच से मुक्त है, क्योकि स्वच्छता मिशन एक जनआंदोलन बन गया। स्वच्छता सर्वेक्षण ने हमारे शहरों को स्वच्छ बनाने के लिए सख्त प्रक्रिया और अनुशासन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के कारण स्वास्थ्य, शिक्षा, जीवन स्तर में बदलाव हुए है। स्वच्छता केवल एक बार का प्रयास नहीं है, बल्कि जीवन जीने का सतत तरीका है। स्वच्छता ने जीवन में बदलाव लाया है। सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक बालूरेत से स्वच्छता थीम पर पेंटिंग बनाई। इसके अलावा गायक कैलाश खेर ने स्वच्छता एंथम सुनाया।